2nd PUC Hindi Workbook Answers पद्य Chapter 7 कायर मत बन

Students can Download 2nd PUC Hindi Workbook Answers पद्य Chapter 7 कायर मत बन Pdf, 2nd PUC Hindi Textbook Answers, helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams.

Karnataka 2nd PUC Hindi Workbook Answers पद्य Chapter 7 कायर मत बन

2nd PUC Hindi Workbook Answers पद्य Chapter 7 कायर मत बन

I. एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर: दीजिए।

प्रश्न 1.
कवि नरेन्द्र शर्मा क्या न बनने का संदेश देते है?
उत्तर:
कवि नरेन्द्र शर्मा कायर न बनने का संदेश देते है।

प्रश्न 2.
कौन राह रोकता है?
उत्तर:
रास्ते के पत्थर हमारे राह रोकते है।

प्रश्न 3.
कवि नरेन्द्र शर्मा के अनुसार मनुष्य को किसने सींचा है?
उत्तर:
कवि नरेन्द्र शर्मा के अनुसार मनुष्य को मानवता ने सींचा है।

2nd PUC Hindi Workbook Answers पद्य Chapter 7 कायर मत बन

प्रश्न 4.
कवि नरेन्द्र शर्मा मनुष्य को किसके बल पर जीतने को कहते है?
उत्तर:
कवि नरेन्द्र अपने प्रीति/प्रेमके बल पर जीतने को कहते है।

प्रश्न 5.
कवि नरेन्द्र के अनुसार प्रतिहिंसा क्या है?
उत्तर:
कवि नरेन्द्र के अनुसार प्रतिहिंसा दुर्बलता है।

प्रश्न 6.
कवि नरेन्द्र शर्मा ने किसे अधिक अपावन कहा है?
उत्तर:
कवि नरेन्द्र शर्मा ने कायरता को अधिक अपावन कहा है।

प्रश्न 7.
कवि नरेन्द्र शर्मा किसके सामने आत्मसमर्पण न करने के लिए कहते है?
उत्तर:
कवि नरेन्द्र शर्मा दुष्टो के सामने आत्मसमर्पण न करने के. कहते है।

2nd PUC Hindi Workbook Answers पद्य Chapter 7 कायर मत बन

II. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

प्रश्न 1.
‘कायर मत बन’ कविता का संदेश क्या है?
उत्तर:
‘कायर मत बन’ कविता में कवि नरेन्द्र शर्मा मनुष्य को कायर न बनने का संदेश देते हैं। कवि मानवता को अत्यधिक महत्व देते हुए दुष्टों के सामने आत्मसमर्पण न करने को कहते हैं। रास्ते में अनेक बाधाएँ आएगी, तूफान आएगा लेकिन हमें हिम्मत से आगे बढ़ना है। हार नहीं माननी है या गम के आँसू पीते न रहना है। प्रतिहिंसा दुर्बलता है, हिंसा के बदले में हिंसा दुर्बलता है, लेकिन कायर बनके पीठ दिखाना या चुप बढ़ना उससे भी बदतर है। इसलिए कवि अन्याय के विरोध में खड़ा रहने को कह रहे हैं।

प्रश्न 2.
मानवता के प्रति कवि नरेन्द्र शर्मा के विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
कुछ भी बन बस कायर मत बना कवि कह रहे है मानवता की रक्षा करना तुम्हारा पहला कर्तव्य है, खुद की रक्षा से भी बढ़कर है। किसी के मिट जाने से भी मानवता बच जाए, उसकी रक्षा हो जाए। तभी सत्य की जीत होती। अपन नीजी स्वार्थ के लिए हम मनुष्यता का नाश न करे, उसे नुकसान न पहुँचाए। मनुष्य-जाति के लिए, जन-जाति के भालाई के लिए भले ही तू अपने आपको मिटा दे। अच्छाई के लिए आत्मसमर्पण कर दे लेकिन दृष्टों के सामने सिर न झुका, उनकी जीत न होने पाए। कुछ भी कर पर कायर मत बन।।

2nd PUC Hindi Workbook Answers पद्य Chapter 7 कायर मत बन

III. ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए:

प्रश्न 1.
ले-देकर जीना क्या जीना?
कब तक गम के आँसू पीना?
मानवता ने सींचा तुझको
बहा युगों तक खून-पसीना
उत्तर:
इन पंक्तियों को ‘कायर मत बन’ से लिया गया है जिसके कवि है नरेन्द्र शर्मा। कवि इसमें मनुष्यको अपनी हिम्मत अपनी ताकद पर भरोसा कर, किसी भी परिस्थिति में दुनियासे टक्कर लेने को कह रहे है। परिस्थिति के सामने न झुकने, आव्हान उसे कवि यहाँ दे रहे है। दुनिया में जीते हुए हम पर कई कठिन परिस्थिति यो का सामना करना पडता है, उन बाधाओं का नाश कर, बाधाओं के सामने घुटने न टेकें इसलिए कवि कह रहे है कुछ भी बन बस कायर मत बना। हार मानकर जीना भी कोई जीना होता है। क्यों गम के आँसू बहाना, जब तक तुम्हारे अंदर मानवता है, मानवता की रक्षा के लिए कितने लोगों का खून-पसीना बहा है। तो तुम क्या कुछ भी नही करोगे? बस मजबूर होकर रोते ही रहोगे? यह कायरता तुम्हें शोभा नहीं देती।

2nd PUC Hindi Workbook Answers पद्य Chapter 7 कायर मत बन

error: Content is protected !!