You can Download मोबाइल का बोलबाला Questions and Answers Pdf, Notes, Summary KSEEB Solutions for Class 8 Hindi to help you to revise complete Syllabus and score more marks in your examinations.
मोबाइल का बोलबाला Questions and Answers, Notes, Summary
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
ड्राइंग रूम के कोने में कौन पड़ा था ?
उत्तरः
ड्राइंग रूम के कोने में टेलीफोन पड़ा था।
प्रश्न 2.
टेलीफोन के पास अपना मोबाइल किसने रखा ?
उत्तरः
टेलीफोन के पास अपना मोबाइल मि.शर्मा ने रखा।
प्रश्न 3.
सब लोग किसे अपनी छाती से लगाये घूमते हैं।
उत्तरः
सब लोग मोबाइल अपनी छाती से लगाये घूमते हैं।
प्रश्न 4.
किसके मुखड़े पर धूल जमी है?
उत्तरः
टेलिफोन मुखड़े पर धुल जमी है ।
प्रश्न 5.
मोबइल का अग्रज कौन है?
उत्तरः
मोबाइल का अग्रज टेलिफोन है ।
प्रश्न 6.
किसको देखकर दोनों चौंक गए?
उत्तरः
चिट्ठी को देखकर दोनों चौंक गए।
प्रश्न 7.
मोबाइल पर कौन-सी रिंग टोन बज उठी?
उत्तरः
मोबाइल पर रिंग टोन, बज उठी “ज़िन्दगी इस सफर हैं सुहाना यहाँ कल क्या हो किसने जाना।”
॥. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
टेलीफोन मन-ही-मन मोबाइल के बारे में क्या कहा ?
उत्तरः
टेलीफोन मन ही मन मोबाइल के बारे में कहते हैं कि दिखावे में चूहे जैसाः न मूंछ, ना पूँछ, फिर भी इसकी इतनी पूछ? चल दूर हट मुझसे, आकर बैठ गया मेरे पास, तेरी औकात ही क्या है मेरे सामने।”
प्रश्न 2.
टेलीफोन की बातें सुनकर मोबाइल ने क्या कहा ?
उत्तरः
टेलीफोन की बातें सुनकर मोबाइल ने कहा कि ‘क्या हुआ भाई? मैंने तो तुम्हें कुछ कहा भी नहीं तो गुस्सा क्यों हो रहे हो? मुझसे कोई गलती हो गई क्या? मैं माफी चाहता हूँ। तुम मेरे बड़े भाई हो ।
प्रश्न 3.
पर्दे के पीछे से चिट्ठी ने क्या कहा?
उत्तरः
पर्दे के पीछे से चिट्टी ने कहा कि “मेरे प्यारे दोस्त, तुमने सच कहा समय सदा एक समान नहीं रहता।
प्रश्न 4.
चिट्ठी ने मुस्कुराते हुए क्या कहा?
उत्तरः
चिट्ठी ने मुस्कुराते हुए कह कहती है कि ‘जो मिल जाए, जितना मिल जाए, उसी में खुश रहना सीखो।’
III. अन्य वचन रूप लिखिए :
- गलती – गलतियाँ
- बात – बातें
- चिट्ठी – चिट्ठियाँ
IV. अन्य लिंग रूप लिखिए :
- भाई – बहन
- बूढ़ा – बूढी
- मालकिन – मालिक
- दादी – दादी
V. विलोम शब्द लिखिए :
- बहुत X बहुत
- पास X दूर
- बड़ा X छोटा
- सुंदर x कुरूप
- अग्रज X कनिष्ठ
- अच्छा X बुरा
- दोस्त x दुश्मन
- सच x झूठ
- समान x असमान
- अंदर x बाहर
- शाश्वत X अशाश्वत
VI. जोड़कर लिखिए :
- हमारी कोई – तुम्हारा ही राज था।
- इसमें हमारा – यह होना ही था।
- सदियों से – बिल्कुल सच है।
- एक-न-एक दिन – पूंछ नहीं रही।
- बात तुम्हारी – क्या कसूर है।
क्या कर सकता है।
उत्तरः
- हमारी कोई – पूंछ नहीं रही।
- इसमें हमारा – क्या कसूर है।
- सदियों से – तुम्हारा ही राज था।
- एक-न-एक दिन – यह होना ही था।
- बात तुम्हारी – बिल्कुल सच है।
VII. शुद्ध शब्द पर गोला लगाइए :
VIII. सही शब्द चुनकर खाली जगह भरिए :
(एक-सा, राज, गिटर-पिटर, धूम, पूछ)
- सदियों से उसका एकछत्र ……… था।
- चारों ओर तुम्हारी ही …………. मची हुई है।
- याद रखना समय सदा …………..नहीं रहता।
- सब तुम पर ही बिल्कुल …………. करने लगे।
उत्तरः
- सदियों से उसका एकछत्र राज था।
- चारों ओर तुम्हारी ही धुम मची हुई है।
- याद रखना समय सदा एक-सा नहीं रहता।
- सब तुम पर ही बिल्कुल गिटर-पिटर करने लगे।
IX. कन्नड या अंग्रेज़ी में अनुवाद कीजिए ।
X. निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त सर्वनाम शब्दों को रेखांकित कीजिए :
- …………. औकात ही क्या है मेरे सामने ?
- मुझसे …………. गलती हो गई क्या?
- ……… तो मेरे अग्रज हैं।
- अरे, यह आवाज़ तो दादी के बक्से से आ रही है।
उत्तरः
- तेरी औकात ही क्या है मेरे सामने ?
- मुझसे कोई गलती हो गई क्या?
- आप तो मेरे अग्रज हैं।
- अरे, यह आवाज़ तो दादी के बक्से से आ रही है।
भाषा-ज्ञान
I. निम्नलिखित वाक्यों में क्रिया शब्दों को भरिए :
(सुने, मची, घूमते , करोगे , गिर )
- सब तुम्हें अपनी छाती से लगाए ………… हैं।
- तुम क्या …………….?
- चारों ओर तुम्हारी ही धूम …………
- अपनी आवाज़ ………… मुझे महीनों बीत जाते हैं।
- मिट्टी मेरे सलोने मुख पर …………जाए।
उत्तरः
- घूमते
- करोगे
- मची
- सुने
- गिर
II. जोड़कर लिखिए :
कवि परिचय
कवि का नाम : सुरेखा शर्मा ‘शांति
जन्म : 11 अगस्त 1956
जन्मस्थल : सफीदों (जींद) हरियाणा
रचनाएँ : रिश्तों का अहसास; बाल कविता संग्रह – नन्ही कोंपल; बाल एकांकी-संग्रह आदि।
साधनाएँ : अखिल भारतीय साहित्य परिषद, भोपाल, गुजरात, हरियाणा, अन्य कई संस्थाओं से वे पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। ये हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन (प्रयाग) की संयुक्त मंत्री और अखिल भारतीय साहित्य परिषद की सदस्या रही हैं।
मोबाइल का बोलबाला Summary in Hindi
मोबाइल का बोलबाला लेखिका का परिचय :
सुरेखा शर्मा ‘शांति’ जी का जन्म 11 अगस्त 1956 को सफीदों (जींद), हरियाणा में हुआ। ये हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन (प्रयाग) की संयुक्त मंत्री और अखिल भारतीय साहित्य परिषद की सदस्या रही हैं। इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं – ‘रिश्तों का अहसास’, ‘बाल कविता संग्रह – नन्ही कोंपल’, ‘बाल एकांकी-संग्रह’ आदि। अखिल भारतीय साहित्य परिषद, भोपाल, गुजरात, हरियाणा, अन्य कई संस्थाओं से वे पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं।
पाठ का सारांश :
टेलीफोन, मोबाइल के आविष्कार से पहले, हमारे घरों की शोभा हुआ करता था। मोबाइल क्रान्ति ने टेलीफोन के महत्व को घटा दिया। यह एकांकी इसी पर आधारित है। मि. शर्मा जब मोबाइल को टेलीफोन के पास रख देती है तब टेलीफोन को मोबाइल की बढ़ती प्रसिद्धि एवं अपनी घटती लोकप्रियता पर चीढ़ होती है। मोबाइल कहता है इसमें मैं क्या करूँ। यह तो समय का बदलाव है। कभी आपका बोलबाला था अब मेरा है। कल किसी और का होगा। टेलीफोन लोगों द्वारा अपनी बेकद्री पर भी दुःख प्रकट करता है कि एक वक्त था उसको चमकाकर रखा जाता था। आज उस पर धूल जमती ‘जाती है लेकिन कोई नहीं झाड़ता। जब मोबाइल और टेलीफोन यह बात कर रहे होते हैं तभी चिट्ठी की आवाज आती है – ‘मेरे प्यारे दोस्त, तुमने सही कहा समय सदा एक समान नहीं रहता।
कभी लोग मेरा इंतजार करते थे। प्यार करने वाले इसे गुलाब की पत्तियाँ रखकर भेजते थे। मुझे बार-बार चूमा जाता था। अब तो लोग लिखना ही भूल गए है। दुनिया में कुछ भी शाश्वत नहीं है। पता नहीं कल मनुष्य क्या नई खोज़ कर दें।’ मोबाइल कहता है – ‘हाँ अब तो ऐसे मोबाइल की खोज हो रही है जिससे बात करने वाले व सुननेवाले आपस में एक दूसरे को देख भी सकते हैं।’ चिट्ठी कहती है – हमें जो मिल जाए, जितना मिल जाए, इसी में खुश रहना सीखना चाहिए। मोबाइल और चिट्टी की बातें सुनकर टेलीफोन ने अपनी स्थिति को समझा और मुस्कुराकर दोनों को गले लगा लिया। तभी मोबाइल पर रिंगटोन बजती है – “जिन्दगी इक सफर है सुहाना, यहाँ कल क्या हो किसने जाना।”
मोबाइल का बोलबाला Summary in English
From this lesson, children learn how their lifestyle is changing due to the use of electronic gadgets. It also discusses the importance and uses of mobile phones. In this lesson, we find a conversation between the telephone, mobile and the letter. The telephone complains that it has been rather discarded by people. They nowadays carry a smartphone (mobile phone) with them. They keep them close to their heart. They are carried wherever they go.
But telephones are a rejected lot today. We hardly see people using a telephone. While conversing so there comes the letter. Now the letter speaks of its place in today’s generation. Nowadays people hardly write letters. The message to be conveyed is sent through the mail from mobiles. Earlier boys and girls used to write letters. They used to place flower petals and sent the written letter to their beloved ones. But today people hardly write letters. While discussing so telephone hugs them both and pacifies them telling world changes day by day. What is there today, may not remain tomorrow. Life is a wonderful journey. Nobody knows what may happen tomorrow.
मोबाइल का बोलबाला Summary in Kannada